Sugarcane mill मिलों में मरम्मत का काम चालू
यूपी के मुरादाबाद में अक्टूबर के अंतिम या नवंबर माह के पहले सप्ताह से चीनी मिलों में गन्ने की पेराई शुरू हो जाएगी. मंडल की सभी 22 मिल को नए गन्ना पेराई सत्र के लिए तैयार किया जा रहा है. मंडल भर के 8 लाख किसान गन्ना आपूर्ति करते हैं. चालू सत्र में करीब 5 हेक्टेयर भूमि पर गन्ने की खेती हुई है. हालांकि पिछले साल की अपेक्षा इस साल गन्ने का रकवा बढ़ा है.
पश्चिमी यूपी में गन्ने की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है, जिसमें मंडल में भी किसान बड़े स्तर पर गन्ने की खेती करते हैं. इस साल भी गन्ना किसान प्राथमिकता पर हैं. हर साल अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से चीनी मिल चालू हो जाती हैं और अप्रैल तक चलती हैं. किसानों के गन्ने का भुगतान एकमुश्त मिलता रहता है, जिससे किसानों की आर्थिक जरूरतें पूरी होती रहती हैं. जो गांव चीनी मिल के करीब हैं, वहां किसान सीधे मिलों को गन्ने की आपूर्ति करते हैं.
बिजनौर में सबसे ज्यादा चीनी मिल
अधिकारियों की मानें तो सभी मिल प्रबंधन को आगाह कर दिया गया है कि समय रहते मिलों की मरम्मत कर ली जाए, जिससे मिलों के संचालन में किसी प्रकार की दिक्कत न आए. मंडल में सबसे ज्यादा 10 चीनी मिल बिजनौर में हैं. पिछले दिनों गन्ना सेट सर्वे प्रदर्शन भी चलाया गया था, जिससे किसान अपनी पड़ी और पौधे के बारे में जानकारी कर सकें. क्योंकि गन्ना पर्ची जारी करने के लिए विभाग की ओर से एक कैलेंडर जारी है. इस बार मंडल में 551507.272 हेक्टेयर में गन्ने की फसल है.
मिल प्रबंधन को निर्देश जारी
उप गन्ना आयुक्त हरपाल सिंह ने बताया कि नए गन्ना पेराई सत्र के लिए चीनी मिलों में मरम्मत का कार्य चल रहा है. अक्टूबर के अंतिम या नवंबर माह के पहले सप्ताह में चीनी मिलों में पेराई शुरू हो जाएगी. सभी मिलों को गन्ना क्षेत्र का आवंटन शासन स्तर से किया जाता है. चीनी मिलों के संचालन को लेकर मिल प्रबंधन को निर्देश जारी किए जा चुके हैं.