फसल क्षति: यूपी में 3.5 लाख से ज्यादा किसानों को जल्द मिलेगा फसल मुआवजा, सीएम योगी ने जारी किए निर्देश

अपर मुख्य सचिव : आयवेल गर्ग ने निर्देश दिये कि मध्य प्रदेश के सभी विद्यार्थियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाये। सर्वेक्षण में पाया गया कि राज्य के वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-233 में कुल 3,76,287 किसानों को आपदा से बचाया गया।फसल मुआवजा: योगी सरकार ने पिछले दो वर्षों में आपदा (प्राकृतिक आपदा) के कारण फसल क्षति (फसल नुकसान) से होने वाले नुकसान से किसानों को छूट देने का फैसला किया है। यूपी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 में कृषि कार्य से छूटे प्रदेश के साढ़े तीन लाख से अधिक किसानों को 1 अरब 76 करोड़ रुपये से अधिक की तकनीकी सहायता जल्द से जल्द उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. . आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में विभिन्न आपदाओं से हुए नुकसान, कारोबार और अन्य राहत को लेकर समीक्षा बैठक की थी.इस दौरान उन्होंने 17 उद्यमों की एफआर से जवाब मांगा था, जिस पर आपत्ति जताते हुए कहा गया था कि उद्यमों के घाटे के कारण कंपनी के दिवालिया होने और मोरेटोरियम जारी होने की कोई संभावना नहीं है. साथ ही अधिकारियों को ऐसे मामलों में बंद किसानों पर एनएसए लगाने के स्पष्ट निर्देश दिए गए. उल्लेखनीय है कि चालू वित्तीय वर्ष में जनवरी से अब तक 1,87,845 से अधिक किसानों को 80,88,68,299 रुपये से अधिक की सहायता प्रदान की जा चुकी है.

इन वस्तुओं का किसानों के पास कोई मुकाबला नहीं था

फसल क्षति: यूपी में 3.5 लाख से ज्यादा किसानों को जल्द मिलेगा फसल मुआवजा, सीएम योगी ने जारी किए निर्देश
फसल क्षति: यूपी में 3.5 लाख से ज्यादा किसानों को जल्द मिलेगा फसल मुआवजा, सीएम योगी ने जारी किए निर्देश

अपर मुख्य सचिव सुधीर गर्ग ने बताया कि मुआवजे से छूटे किसानों को सहायता धनराशि देने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में दोबारा सर्वे कराया गया. सर्वे में पाया गया कि प्रदेश के वित्तीय वर्ष 2021-22 और वर्ष 2022-233 में कुल 3,76,287 किसान आपदाओं से क्षतिग्रस्त फसलों के मुआवजे से छूट गये थे. इसमें वित्तीय वर्ष 2021-22 के 2,27,735 किसान और वर्ष 2022-23 के 1,48,552 किसान शामिल हैं.इस पर प्रदेश के सभी जिला कार्यालयों को किसानों को छूट देने के लिए किसानों से अपील लेने के निर्देश दिये गये। ऐसे में राज्य में 75 साल से अधिक उम्र के सभी युवाओं के लिए आवेदकों की कुल मांग 1,76,96,63,245 रुपये है।

60 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान

इसमें वित्तीय वर्ष 2021-22 में 77,36,83,239 रुपये और वर्ष 2022-23 में 59,59,80,006 रुपये शामिल हैं। राहत आयुक्त जीएस न्यू ने बताया कि किसानों की डाटा फीडिंग के दौरान आधार, खाता संख्या में गड़बड़ी और डुप्लीकेसी के कारण आपदा से क्षतिग्रस्त जिप्सम से प्रभावित व्यवसायों को बड़ी धनराशि का भुगतान नहीं हो सका है। ऐसे में औपचारिकता का कार्य फिर से चल रहा है, लेकिन पिछले दो वर्षों में जिला स्टार पर छात्रवृत्ति जारी की गई है, जिसके कारण किसानों को स्कोटिया जारी नहीं की जा सकी है।अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर फिल्म इंडस्ट्री के थोक विक्रेताओं से बातचीत कर किसानों की जमीन को हस्तांतरित किया जा रहा है. साथ ही राज्य के विभिन्न अछूतों से प्रभावित सीमांत किसानों को संगठित स्टॉक एक्सचेंज के लिए डिजाइनिंग की सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है। पिछले दो वित्तीय वर्षों में छूटे हुए किसानों को अब तक 60 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया जा चुका है।

यूपी के इन साहसी किसानों को नहीं मिला स्मारक

अपर मुख्य सचिव राजस्व के मुताबिक सर्वे में पाया गया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में मुआवजे से सबसे अधिक सीतापुर के 27,836 किसान छूट गये थे, जिन्हें 10,72,51,397 रुपये की धनराशि का भुगतान किया जा रहा है. वहीं, दूसरे नंबर पर बरेली के 22,661 किसानों और तीसरे नंबर पर ललितपुर के 19,420 किसानों को मुआवजे का भुगतान किया जा रहा है. इसी तरह, वित्तीय वर्ष 2022-23 में मुआवजे से सबसे अधिक सिद्धार्थनगर के 21,002 किसान छूट गये थे, जिन्हें 10,07,53,392 रुपये की धनराशि का भुगतान किया जा रहा है.वहीं, दूसरे स्थान पर 17,296 किसानों और तीसरे स्थान पर 12,933 किसानों को व्यावसायिक भुगतान किया जा रहा है. किसानों को 33 फीसदी से ज्यादा नुकसान बाढ़, ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से होता है. सीएम योगी के निर्देश पर किसानों को उनके लाइसेंस में 24 घंटे डीबीटी के माध्यम से शामिल किया जा रहा है.

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